सूट वाला संन्यासी – जिसने भोग नहीं, योग चुना: कैसे निखिल पट्टणी की आध्यात्मिक साधना बदल रही है कॉर्पोरेट लीडरशिप का चेहरा
आ ज के समय में जहाँ लोग शॉर्टकट और सुविधा को ही सफलता का मापदंड मानते हैं, वहाँ निखिल पट्टणी एक ऐसा नाम बन चुके हैं जो यह साबित करते हैं कि सच्ची भक्ति और सफलता का रास्ता कठिन जरूर होता है, लेकिन उसी में असली शांति और विजय छुपी होती है। तीसरी वर्षीतप की ओर अग्रसर: आध्यात्मिक अनुशासन की मिसाल 28 वर्षों से रियल एस्टेट इंडस्ट्री के दिग्गज और Destiniva Realty के संस्थापक-निदेशक निखिल पट्टणी इस साल 30 अप्रैल, 2025 को अपना तीसरा वर्षीतप पूर्ण करने जा रहे हैं। यह कोई साधारण व्रत नहीं, बल्कि एक वर्ष तक चलने वाली जैन उपवास साधना है, जिसमें प्रत्येक दूसरे दिन उपवास होता है। पर निखिल पट्टणी की तपस्या केवल खाने तक सीमित नहीं है—यह उनके संपूर्ण जीवन, उनकी सोच, और उनके नेतृत्व के तरीके को प्रभावित करती है। मां की इच्छा से जन्मा संकल्प: भक्ति की विरासत जब उनकी माता किरण पट्टणी ने वर्षीतप का संकल्प लिया, तब निखिल पट्टणी का पुत्र बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में था। इस कठिन समय में बिना किसी हिचकिचाहट के, निखिल पट्टणी ने पूरा दायित्व स्वयं उठाया। रोज़ सुबह 4 बजे उठकर, मां के लिए उपवास का भोजन बनाना, ...